कमलनाथ के कांग्रेस से पलायन की रणनीति बदली
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 18 फरवरी। कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के कांग्रेस से पलायन की रणनीति फिलहाल बदली हुई नजर आ रही है। अब कमलनाथ तत्काल सारी सियासी दुनियादारी छोड़कर भाजपा का दामन नहीं थामेंगे। इस बदलाव में अभी समय लग सकता है। उनके समर्थक विधायक और अन्य बड़े नेता फिलहाल खामोशी ओढे हुए हैं। कल तक कमलनाथ का साथ किसी भी हाल में नहीं छोड़ने का दावा करने वाले दिग्गज नेता कह रहे हैं कि कमलनाथ जी कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं।
एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रविवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मेरी कमलनाथ जी से फोन में बात हुई है वह कांग्रेस में ही रहेंगे और पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की बातें केवल मीडिया का भ्रम है। जीतू पटवारी ने कहा कि यह बातें मैं उनके हवाले से ही कह रहा हूं। हालांकि कमलनाथ ने मीडिया के सामने आकर इस पूरे मामले में कोई सफाई नहीं दी है। इसी बीच पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ कांग्रेस को छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं वह कांग्रेस में ही रहेंगे। सज्जन सिंह वर्मा रविवार को कमलनाथ के समर्थन के लिए दिल्ली रवाना हुए थे। दिल्ली में कमलनाथ से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा करते में बताया कि कमलनाथ आज भी कांग्रेस में कल भी रहेंगे परसों की नहीं कह सकते हैं।
कमलनाथ के दिल्ली पहुंचते ही उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि अब इस पूरे मामले में तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। जीतू पटवारी के साथ-साथ कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले सज्जन सिंह वर्मा ने भी कहा कि कमलनाथ कांग्रेस में हैं और उसी पार्टी में रहेंगे। सज्जन सिंह वर्मा ने यह बातें कमलनाथ से दिल्ली में मुलाकात के बाद कही हैं।मध्य प्रदेश में 2023 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ के चेहरे पर लड़ा गया। पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद कांग्रेस हई कमान ने संगठन में बदलाव का फैसला किया। कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर कमान युवा नेता जीतू पटवारी को सौंपी गई। कहा जा रहा है कि कमलनाथ अपनी जगह अपने किसी करीबी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे लेकिन पार्टी ने राहुल गांधी के करीबी को जिम्मेदारी सौंपीं।